मेरी रियल पहचान

बाजार लगा है हर तरफ 

बेचने इंसान को… इंसान ही खड़ा है 

पता हो कीमत तो 

बिकने को हर इंसान तैयार है 

बातें इमोशंस की अब जरा पुरानी लगती हैं 

आजकल तो भगवान भी सेल पर लगा है 

निराश ना हो कि तेरा सौदा अभी नहीं हुआ है 

कि वह भी ढूंढे तुझे 

जिसे तू ढूंढ रहा है 

पता बस इतना भर लगाना है 

कि तेरी एमआरपी (MRP) क्या है 

कमर्शियल सी इस वर्चुअल दुनिया में 

रास्ता मुश्किल है तेरा 

अकेले ही चलना है 

रुकावटें भी बहुत हैं 

लेकिन अगर भीड़ का हिस्सा ही बनना है 

तो कैसे जानेगा अपनी एमआरपी 

अकेला उड़ता है जो 

ताकत उसी के परोंपरोंपैरों में होती है 

अकेला चलता है जो 

सही दिशा उसी को मिलती है 

अधीन ही रहोगे 

तो सहारे की जरूरत हर वक्त पड़ेगी 

कोई बात नहीं अगर 

आज अकेला है 

कोई बात नहीं अगर 

लगे कि इस दुनिया में तू फिट नहीं होता 

कोई बात नहीं अगर 

किसी को तुझ पर भरोसा नहीं 

बेधड़क चल अपनी राह पर 

बेबाक बोल अपना सच हरदम 

की हिम्मत नहीं यहां किसी में इतनी 

की लड़ाई खुद अपनी लड़ सके 

तो दिखा अब रास्ता

बन मिसाल सबके लिए 

अकेला चलता रहा हमेशा 

तो डर नहीं अब किसी बात का 

दर्द सहा है इतना 

की मजबूत हूं अब फौलाद सा 

तिनका तिनका करजोड़ा है सब कुछ 

तो कीमत अब हर चीज की पता है 

रातें गुजारी है कई… अमावस जैसी 

तो साफ-साफ यह दुनिया दिखाई देती है

खुद से दोस्ती हुई है कुछ ऐसी

 की व्यापार दुनिया का अब मुझे हिला नहीं पाता है 

सर उठा कर चलता हूं अब 

की मेरे उसूल ही मेरी एमआरपी (MRP) हैं  

मेरी रियल पहचान हैं 

मेरी रियल पहचान हैं

Watch the video version of the poem here

MRP

Bazaar laga hai har taraf

Bechne insaan ko insaan hi khada hai

Pata ho keemat toh

Bikne ko har insaan taiyaar hai

Baaten emotions ki ab zara purani lagti hain

Aajkal toh bhagwan bhi sale pe laga hai

Nirash na ho ki tera sauda abhi nahi hua hai

Ki Woh bhi  dhoondhe tujhe 

Jise tu  dhoondh raha hai 

Pata bas itna bhar lagana hai

Ki MRP teri  kya hai

Commercial si virtual iss duniya mein

Rasta mushkil hai tera

Akele hi chalna hai

Rukavaten bhi bahut hain

Lekin agar bheed ka hissa hi ban-na hai toh

Kaise janega apni MRP

Akela udta hai jo

Taqat usi ke paron mein hoti hai

Akela chalta hai jo 

Sahi disha usi ko milti hai

Adheen hi rahoge toh 

Sahare ki zaroorat har waqt padegi

Koi baat nahi agar aaj akela hai

Koi baat nahi agar lage ki,

Iss duniya mein tu fit nahi hota

Koi baat nahi agar kisi ko tujh par bharosa nahi

Bedhadak chal apni rah par

Bebaak bol apna sach hardam

Ki himmat nahi yahan kisi mein itni

Ki ladai khud apni lad sake

Toh dikha ab raasta 

Bann misaal  sab ke liye

Akela chalta raha hamesha 

Toh darr nahi ab kisi baat ka

Dard saha hai itna 

Ki mazboot hoon ab faulaad sa

Tinka tinka kar joda hai sab kuch

Toh keemat ab har cheez ki pata hai

Raaten guzaari kai amavas jaisi 

Toh saaf saaf ye duniya dikhayi deti hai

Khud se dosti hui hai kuch aisi 

Ki vyapaar duniya ka ab mujhe hila nahi pata hai

Sar utha kar chalta hoon ab 

Ki mere usool hi meri MRP hai

Meri real pehchaan hai….